स्वस्थ मन केवल स्वस्थ शरीर में ही रह सकता है। यदि शरीर स्वस्थ नहीं है, तो बाकी सब बेकार है। अच्छा संतुलित आहार और नियमित व्यायाम फिट और स्वस्थ शरीर को विकसित करने के लिए बुनियादी आधार हैं लेकिन स्वस्थ रहने के लिए कुछ और भी जरूरी है। आयुर्वेद का पाठ उस अंतर को भर सकता है। इस प्राचीन विज्ञान की कुछ स्वदेशी प्रथाएं हैं जो कई लाइफस्टाइल संबंधी समस्याओं जैसे सूजन, शरीर का विषाक्तीकरण और मन और शरीर के समग्र स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकती हैं। यहाँ आयुर्वेद की पुरानी पुस्तकों से ली जाने वाली कुछ प्रथाएं हैं जो आपके मन, शरीर और आत्मा को साथ रखने में मदद करती हैं।
